🌺🌺साहित्य सिंधु🌺🌺
हमारा साहित्य,हमारी संस्कृति
काव्य परिचय:
हित का भाव होना ही साहित्य है।
* कुछ विद्वानों के अनुसार हित कारक
रचना का नाम ही साहित्य है।
* साहित्य शब्द ,अर्थ और भावनाओं
की वह त्रिवेणी है जो जनहित
की धारा के साथ उच्च
आदर्शों की दिशा में
प्रवाहित होती है।
* साहित्य का तात्पर्य अब कविता,
कहानी उपन्यास,नाटक,आत्मकथा
अर्थात गद्य और पद्य की सभी विधाओं
से है।
काव्य परिचय:
"शब्दार्थो सहीतौ काव्यम" अर्थात
* शब्द और अर्थ का सहित
भाव ही काव्य है।
'वाक्यम् रसात्मकम् काव्यम्'
* अर्थात रसयुक्त वाक्य ही काव्य है।
शर्मा धर्मेंद्र
स्रोत-पुस्तक