www.sahitysindhu1.blogspot.com ✒️साहित्य सिंधु✒️ लेखक-' धर्मेंद्र कुमार शर्मा : 'कोयल'

Thursday, November 14, 2019

'कोयल'


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    बाल कविता
    शीर्षक- 'कोयल'

कभी-कभी क्यों आती कोयल,
सबके मन को भाती कोयल।
डाल-डाल पर फुदक-फुदक कर,
मीठे सुर में गाती कोयल।

रोज सवेरे आती हो तुम,
मीठे गीत सुनाती हो तुम।
मीठे-मीठे गीत सुना कर,
सबका मन हर्षाती कोयल।

कभी तो मेरे आंगन आओ,
मुन्ना-मुन्नी को बहलाओ।
दौड़ लगाते तेरे पीछे,
इतना क्यों सताती कोयल।

मृदुल कंठ कहां से पाया,
जो सारे जग को है भाया।
आमों के मौसम में आकर,
फिर कहां उड़ जाती कोयल।
              
                                  ' शर्मा धर्मेंद्र '


4 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 04 जुलाई 2020 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.com
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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  2. Respected sir ,good evening ! please suggest me how to publish our poetry

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