🌺🌺साहित्य सिंधु🌺🌺
पद्य रचना
विधा- कविता
शीर्षक- ' क्या-क्या है? '
दुनिया में तो क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
1
1
काम है,
क्रोध है,
लोभ है,
मोह है।
और सुन क्या-क्या है?
और सुन क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
2
2
सच है,
झूठ है,
तृप्ति है,
भूख है।
और पूछ क्या-क्या है?
और पूछ क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
3
3
दोस्ती है,
दुश्मनी है,
बनी है,
ठनी है।
सुनता जा क्या-क्या है?
सुनता जा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
4
4
समर्थन है,
बहिष्कार है,
दंड है,
पुरस्कार है।
अनुमान लगा क्या-क्या है?
अनुमान लगा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
5
5
हर्ष है,
विषाद है,
विरोध है,
विवाद है।
और सुनेगा क्या-क्या है?
और सुनेगा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
6
6
नीति है,
अनीति है,
एकता है,
कूटनीति है।
क्या खबर तुझको क्या-क्या है?
क्या खबर तुझको क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
7
7
शाम है,
दाम है,
दंड है,
भेद है।
और बताएं क्या-क्या है?
और बताएं क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
8
8
जन्म है,
मृत्यु है,
बंधन है,
मुक्ति है।
ज्ञात हुआ क्या-क्या है?
ज्ञात हुआ क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
9
सवाल है,
जवाब है,
हकीकत है,
ख्वाब है।
9
सवाल है,
जवाब है,
हकीकत है,
ख्वाब है।
सोच जरा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
10
ज्ञान है,
10
ज्ञान है,
अज्ञान है,
अभिमान है,
अभिमान है,
स्वाभिमान है,
देख इधर क्या-क्या है?
देख इधर क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
11
11
अंधेरा है,
उजाला है,
दान है,
घोटाला है।
चुन ले जरा क्या-क्या है?
चुन ले जरा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
12
12
दौलत है,
सोहरत है,
कुर्बानी है,
कुर्बानी है,
शहादत है।
देख-देख क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
13
विष है,
अमृत है,
शहद है,
घृत है।
गौर कर क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
14
योग है,
वियोग है,
दुर्भाग्य है,
संयोग है।
और सुनेगा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
15
प्रेम है,
घृणा है,
तृप्ति है,
तृष्णा है।
कैसे समझाएं क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
16
आसक्ति है,
विरक्ति है,
निर्बलता है,
शक्ति है।
सबको बता क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
17
हिंसा है,
अहिंसा है,
तमाशा है,
चिंता है।
और बताएं क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
18
धर्म है,
अधर्म है,
कर्म है,
विकर्म है।
न जाने और क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
19
स्वर्ग है,
नर्क है,
समान है,
फर्क है।
मैं भी नहीं जानता क्या-क्या है
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
20
पाप है,
पुण्य हैं,
अनंत है,
शून्य है।
मत पूछ और अभी क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
'शर्मा धर्मेंद्र '
देख-देख क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
13
विष है,
अमृत है,
शहद है,
घृत है।
गौर कर क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
14
योग है,
वियोग है,
दुर्भाग्य है,
संयोग है।
और सुनेगा क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
15
प्रेम है,
घृणा है,
तृप्ति है,
तृष्णा है।
कैसे समझाएं क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
16
आसक्ति है,
विरक्ति है,
निर्बलता है,
शक्ति है।
सबको बता क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
17
हिंसा है,
अहिंसा है,
तमाशा है,
चिंता है।
और बताएं क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
18
धर्म है,
अधर्म है,
कर्म है,
विकर्म है।
न जाने और क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
19
स्वर्ग है,
नर्क है,
समान है,
फर्क है।
मैं भी नहीं जानता क्या-क्या है
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
20
पाप है,
पुण्य हैं,
अनंत है,
शून्य है।
मत पूछ और अभी क्या-क्या है?
पर ढूंढ, तुम्हारे लिए क्या-क्या है?
'शर्मा धर्मेंद्र '
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